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सिगरेट पीने के नुकसानसिगरेट पीना आजकल युवाओं में काफी प्रचलित है

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सिगरेट पीना आजकल युवाओं में काफी प्रचलित है. हलांकि कुछ बुजुर्ग लोग बीड़ी पीना पसंद करते हैं. धूम्रपान को भी एक सामाजिक बुराई के रूप में देखा जाता है. ज्यादातर जगहों पर धूम्रपान को निषेध किया जाता है. सिगरेट या बीड़ी के धुएं में सबसे हानिकारक रसायनों में से कुछ निकोटीन, टार, कार्बन मोनोऑक्साइड, हाइड्रोजन साइनाइड, फॉर्मलाडीहाइड, आर्सेनिक, अमोनिया, सीसा, बेंजीन, ब्यूटेन, कैडमियम, हेक्सामाइन, टोल्यूनि आदि हैं. ये रसायन धूम्रपान करने वालों और उनके आसपास वालों के लिए हानिकारक होते हैं.  आइए सिगरेट पिने से होने वाले नुकसानों को जानें. 1. प्रजनन क्षमता के लिए प्रजनन क्षमता में कमी के लिए धुम्रपान काफी हद तक जिम्मेदार है. एक शोध के अनुसार धूम्रपान, भ्रूण के विकास में पुरुष के शुक्राणुओं और कोशिकाओं की संख्या को नुकसान पहुंचाते हैं. महिलाओं के द्वारा धूम्रपान करने से गर्भस्राव या जन्म देने वाले बच्चे में स्वास्थ्य समस्याएं होने की अधिक संभावना होती है. इसके अलावा, धूम्रपान से ओवुलेशन समस्याएं हो सकती है. 2. बढ़ाए संधिशोथ नियमित धूम्रपान करने से रुमेटीइड गठिया का ख़तरा बढ़

अररिया #स्मैक बहुत ही तेज़ी के साथ फैल रहा ये नशा

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#Smake #Drugs: बहुत ही तेज़ी के साथ अपने बिहार खास कर अररिया जिले मै फैल रहा 15 से 20 साल के स्कूल के बच्चों मै भी ये खूब फल फूल रहा है! इस नशे पर अगर नज़र को कड़ी ना की गयी तो बिहार के भविष्य को ले डूबे गा... #स्मैक --का नुकशान इतना ख़तरनाक है इससे पूरा स्नायु तंत्र प्रभावित होता है। इस नशे से व्यक्ति काफी उग्र हो जाता है और उसे लगता है कि दुनिया का सबसे ताकतवर इंसान है। इसमें उसके अपराध करने की भी आशंका बनी रहती है। काफी दिनों तक यह नशा करने के बाद व्यक्ति को अवसाद, अकेलेपन की दिक्कत होने लगती है।     सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया की स्मैक से पूरा स्नायु तंत्र प्रभावित होता है। इस नशे से व्यक्ति काफी उग्र हो जाता है और उसे लगता है कि दुनिया का सबसे ताकतवर इंसान है। इसमें उसके अपराध करने की भी आशंका बनी रहती है। काफी दिनों तक यह नशा करने के बाद व्यक्ति को अवसाद, अकेलेपन की दिक्कत होने लगती है।             अफीम का परिष्कृत रूप स्मैक है। एक किलोग्राम अफीम से महज पचास से अस्सी ग्राम स्मैक तैयार होती है। - अफीम को चूने व एक रसायन के साथ मिलाकर उबालते है। इससे अफीम फट जाती है। ये नशा  सब

ज्यादा कफ सिरप पीने से क्या होता है?

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ज्यादा कफ सिरप पीने से क्या होता है? रिसर्च के मुताबिक  कफ सिरप  का अत्यधिक इस्तेमाल से दिमाग की कोशिकाएं प्रभावित हो सकती है जिससे सोचने की शक्ति प्रभावित हो सकती है. इसके अलावा हार्ट पर इसका बुरा असर पड़ सकता है. छाती में बलगम या कफ (cough) जमा हो जाने पर हममें से अधिकांश लोग बेनाड्रिल, चेस्ट्रोन, हनीटस, एसकोरिल (Benadryl Cough Syrup, Cheston Cough Syrup, Honitus Cough Syrup, Ascoril Cough Syrup) जैसे कफ सिरप (Cough Syrups) का सेवन करते हैं. आमतौर पर कफ सिरप लेने के बाद हल्की नींद लगती है, लेकिन इसे अगर ज्यादा मात्रा में लिया जाए तो बहुत ज्यादा नींद लगती है. यही सोचकर जिन लोगों को रात में नींद नहीं आती है, उनमें से कुछ रात को कफ सिरप का सेवन करने लगते हैं. लेकिन बिना कफ के कप सिरप लेने के घातक दुष्परिणाम सामने आ सकते हैं. कफ सिरप में कई ऐसे सब्सटीट्यूट का इस्तेमाल किया जाता है जिनसे ब्रेन को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंच सकता है. किस चीज से बनाया जाता है कफ सिरप शुरुआत में कफ सिरप में अफीम, हीरोइन, क्लोरोफॉर्म और मॉर्फिन जैसे पदार्थों का इस्तेमाल किया जाता था. बाद

बिहार में शराबबंदी है और नशा करने करने वाले नशेड़ी

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बिहार में शराबबंदी है और नशा करने करने वाले नशेड़ी शराब नहीं मिलने के कारण नशा के लिए दूसरे अन्य विकल्प का उपयोग कर रहे हैं। लगातार सीमाई इलाकों में अब नशेड़ी, कप सिरप, स्मैक, ब्राउन शुगर इंजेक्शन अल्पराज़ॉलम टेबलेट सहित दूसरे अन्य विकल्प का इस्तेमाल करने लगे हैं। नशे के आगोश में छोटे-छोटे बच्चे-बच्चे भी शामिल हो रहे हैं और नशे के लिए सनफिक्स,बोन फिक्स जैसे एडहेसिव सॉल्यूशन का इस्तेमाल करते हैं।ये नशा  सबसे ज्यादा ही ख़तरनाक होता हैं, इस नशे मै बच्चे कोई भी आपराधिक घटना को अंजाम देने से नहीं पीछे नहीं हटता!  सनफिक्स के नशे के लिए ये छोटे-छोटे बच्चे चोरी तक के घटना को अंजाम देने से नहीं चूकते। बोनफिक्स  या सनफिक्स में रसायनिक तत्व होता है. बच्चे नशे के लिए जोर से सुघंते है. इससे रसायनिक तत्व सीधे फेफड़े में जाती है. लगातार सेवन से वही रसायनिक तत्व पानी में तब्दील हो जाता है.  शहर में शराब, गांजा के साथ अन्य नशा की प्रवृत्ति, खासकर युवाओं में तेजी से बढ़ रही है। कुछ युवा बोनफिक्स का नशे के लिए उपयोग करते हैं। इसकी शिकायत के बाद भी यहां धड़ल्ले से दुकानों

नशा बढ़ाने के लिए स्मैक को इंजेक्शन में घोल रहे

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नशा बढ़ाने के लिए स्मैक को इंजेक्शन में घोल रहे नशा तेज करने के लिए स्मैकिए खतरनाक तरीका अपना रहे हैं। एविल इंजेक्शन में स्मैक घोलकर सीधे नसों में लगा रहे हैं। इसका उनके शरीर पर बुरा असर पड़ रहा है। लेकिन नशे की लत के लिए वे इसे अनदेखा कर रहे... नशा बढ़ाने के लिए स्मैक को इंजेक्शन में घोल रहे नशा तेज करने के लिए स्मैकिए खतरनाक तरीका अपना रहे हैं। एविल इंजेक्शन में स्मैक घोलकर सीधे नसों में लगा रहे हैं। इसका उनके शरीर पर बुरा असर पड़ रहा है। लेकिन नशे की लत के लिए वे इसे अनदेखा कर रनशा तेज करने के लिए स्मैकिए खतरनाक तरीका अपना रहे हैं। एविल इंजेक्शन में स्मैक घोलकर सीधे नसों में लगा रहे हैं। इसका उनके शरीर पर बुरा असर पड़ रहा है। लेकिन नशे की लत के लिए वे इसे अनदेखा कर रहे हैं। बताया जाता है कि लॉकडाउन में एक पुड़िया स्मैक का दाम बढ़कर 150 रुपये हो गया तो नशेड़ियों ने इसका खतरनाक विकल्प खोज लिया। एक पुड़िया स्मैक को 10 एमएल एविल इंजेक्शन में घोलकर तीन नशेड़ी अपनी नसों में लगा रहे हैं। सीधे खून में मिलने से स्मैक की कम मात्रा भी अधिक नशा कर रही है। स्मैकिए एविल इंजेक्शन से 5 एमएल सीरिं