नशा बढ़ाने के लिए स्मैक को इंजेक्शन में घोल रहे

नशा तेज करने के लिए स्मैकिए खतरनाक तरीका अपना रहे हैं। एविल इंजेक्शन में स्मैक घोलकर सीधे नसों में लगा रहे हैं। इसका उनके शरीर पर बुरा असर पड़ रहा है। लेकिन नशे की लत के लिए वे इसे अनदेखा कर रहे...

नशा बढ़ाने के लिए स्मैक को इंजेक्शन में घोल रहे

नशा तेज करने के लिए स्मैकिए खतरनाक तरीका अपना रहे हैं। एविल इंजेक्शन में स्मैक घोलकर सीधे नसों में लगा रहे हैं। इसका उनके शरीर पर बुरा असर पड़ रहा है। लेकिन नशे की लत के लिए वे इसे अनदेखा कर रनशा तेज करने के लिए स्मैकिए खतरनाक तरीका अपना रहे हैं। एविल इंजेक्शन में स्मैक घोलकर सीधे नसों में लगा रहे हैं। इसका उनके शरीर पर बुरा असर पड़ रहा है। लेकिन नशे की लत के लिए वे इसे अनदेखा कर रहे हैं।

बताया जाता है कि लॉकडाउन में एक पुड़िया स्मैक का दाम बढ़कर 150 रुपये हो गया तो नशेड़ियों ने इसका खतरनाक विकल्प खोज लिया। एक पुड़िया स्मैक को 10 एमएल एविल इंजेक्शन में घोलकर तीन नशेड़ी अपनी नसों में लगा रहे हैं। सीधे खून में मिलने से स्मैक की कम मात्रा भी अधिक नशा कर रही है। स्मैकिए एविल इंजेक्शन से 5 एमएल सीरिंज में निकाल लेते हैं। बचे हुए 5 एमएल एविल इंजेक्शन में एक पुड़िया स्मैक डालकर इंजेक्शन की शीशी में गर्म करते हैं। जब स्मैक इंजेक्शन में घुल जाती है तब सीरिंज में निकालकर अलग रखे गए 5 एमएल एविल इंजेक्शन को स्मैक के घोल में मिलाकर अपनी नसों में लगा लेते हैं।

नशा तेज करने के लिए स्मैकिए खतरनाक तरीका अपना रहे हैं। एविल इंजेक्शन में स्मैक घोलकर सीधे नसों में लगा रहे हैं। इसका उनके शरीर पर बुरा असर पड़ रहा है। लेकिन नशे की लत के लिए वे इसे अनदेखा कर नशा तेज करने के लिए स्मैकिए खतरनाक तरीका अपना रहे हैं। एविल इंजेक्शन में स्मैक घोलकर सीधे नसों में लगा रहे हैं। इसका उनके शरीर पर बुरा असर पड़ रहा है। लेकिन नशे की लत के लिए वे इसे अनदेखा कर रहे हैं।

बताया जाता है कि लॉकडाउन में एक पुड़िया स्मैक का दाम बढ़कर 250 रुपये हो गया तो नशेड़ियों ने इसका खतरनाक विकल्प खोज लिया। एक पुड़िया स्मैक को 10 एमएल एविल इंजेक्शन में घोलकर तीन नशेड़ी अपनी नसों में लगा रहे हैं। सीधे खून में मिलने से स्मैक की कम मात्रा भी अधिक नशा कर रही है। स्मैकिए एविल इंजेक्शन से 5 एमएल सीरिंज में निकाल लेते हैं। बचे हुए 5 एमएल एविल इंजेक्शन में एक पुड़िया स्मैक डालकर इंजेक्शन की शीशी में गर्म करते हैं। जब स्मैक इंजेक्शन में घुल जाती है तब सीरिंज में निकालकर अलग रखे गए 5 एमएल एविल इंजेक्शन को स्मैक के घोल में मिलाकर अपनी नसों में लगा लेते हैं।

 तस्करों से अधिक कमा रहे मेडिकल स्टोर : मेडिकल स्टोर पर बिना डॉक्टर के पर्चे के एविल इंजेक्शन नहीं बिकना चाहिए। लेकिन कई मेडिकल स्टोर संचालक सारे नियम कानून ताक पर रखकर नशेड़ियों को एविल इंजेक्शन प्रिंट रेट से चार गुना अधिक दाम पर 70 रुपये तक में बेच रहे हैं। नशेड़ियों को अपना स्थायी ग्राहक बनाने के लिए सीरिंज व कॉटन फ्री दे रहे हैं। स्मैक तस्कर अपनी लागत का दो से ढाई गुना ही कमा रहे हैं।

स्मैक के इंजेक्शन से खतरा ही खतरा : वरिष्ठ फिजीशियन डॉक्टर एमके पाण्डेय का कहना है कि स्मैकिए बिना किसी ट्रेनिंग के खुद इंजेक्शन लगा रहे हैं। गलत जगह इंजेक्ट होने से नसों व मांसपेशियों को नुकसान पहुंचता है। एक सीरिंज से 2 या 3 नशेड़ी इंजेक्शन लगा रहे हैं। इससे एड्स जैसे खतरनाक रोगों की चपेट में आ सकते हैं। सीधे नसों में स्मैक जाने से दिमाग पर बुरा असर पड़ता है।


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